केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में शुक्रवार को संक्रमण के एक दिन में रेकॉर्ड 9,851 मामले सामने आए जबकि 273 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या जहां 2,26,770 पर पहुंच गई है, वहीं मौत का आंकड़ा 6,348 पर पहुंच गया है। लगातार तीन दिन से मामलों में अत्यधिक वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस समय भारत संक्रमण के मामलों की संख्या के लिहाज से दुनिया का छठा सबसे प्रभावित देश है। उससे पहले अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन और स्पेन आते हैं। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के पोरबंदर नेवल बेस में 4 दिन के भीतर 16 जवान पॉजिटिव मिल चुके हैं। पिछले 24 घंटे में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) में 7 नए मामले सामने आए। 177 जवान ठीक हो गए हैं।
उत्तराखंड में दिन-ब-दिन कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को 48 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद प्रदेशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1217 हो गए हैं। हालांकि इनमें से 344 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 865 केस एक्टिव हैं। वहीं, शुक्रवार को हाईकोर्ट ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को क्वारंटाइन के नियमों के उल्लंघन मामले में नोटिस जारी किया है। साथ ही तीन हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
शुक्रवार को महाराष्ट्र में 2436, तमिलनाडु में 1438, दिल्ली में 1330, कर्नाटक में 515, गुजरात में 510, उत्तरप्रदेश में 496, प. बंगाल में 427, हरियाणा में 316, मध्यप्रदेश में 234, राजस्थान में 222 और बिहार में 146 मरीज मिले। ये आंकड़े Covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 2 लाख 26 हजार 770 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से 1 लाख 10 हजार 960 एक्टिव केस हैं और 1 लाख 9 हजार 462 ठीक हो गए। वहीं, 6348 मरीजों की मौत हुई।
देश में ज्यादातर पाबंदियां हटा लेने के बीच कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में देश में करीब 61 हजार मामलों का उछाल आया है। इस कारण शुक्रवार को भारत कोरोना प्रभावित देशों की लिस्ट में इटली से आगे होकर छठे स्थान पर पहुंच गया। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगता है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो लॉकडाउन फिर लगाना पड़ सकता है। उधर, भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक सीनियर डॉक्टर ने यह कहकर सरकार पर नाराजगी प्रकट की कि महामारी से निपटने की रणनीति विशेषज्ञों के बजाए नौकरशाह बना रहे हैं।
एम्स के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने की सरकारी नीतियों एवं संचार रणनीतियों की निंदा करते हुए कहा है कि इन्हें महामारी से निपटने वाले विशेषज्ञों और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बजाए नौकरशाह चला रहे हैं। एम्स में जठरांत्र विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. अनूप सराया ने ‘इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के संपादक को लिखे पत्र में कहा कि वैज्ञानिकों के किसी भी सलाहकार समूह की सफलता ‘खुलेपन की संस्कृति, स्वतंत्रता और विचारों की विविधता’ पर निर्भर करती है। उन्होंने लिखा, ‘दुर्भाग्य की बात यह है कि वैश्विक महामारी पर सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार समितियों के संदर्भ में खुलेपन की यह संस्कृति नजर नहीं आती। संभवत: इसका कारण यह है कि इन समितियों में केवल सरकारीकर्मी ही सदस्य हैं।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर कुछ आंकड़े साझा किए हैं जिनके अनुसार स्पेन, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन जैसे अधिकतर देशों ने अपने-अपने यहां लॉकडाउन तथा पाबंदियों को तब हटाया जब उनका कोविड-19 का ग्राफ या तो समतल हो गया या नीचे की ओर जाने लगा। भारत में कोविड-19 का ग्राफ लॉकडाउन की अवधि में भी लगातार बढ़ता रहा जहां 31 मई को समाप्त हुए बंद के चौथे चरण में और उसके बाद संक्रमण के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।