कोरोना वायरस के बढ़ते जा रहे संक्रमण से पूरे विश्व की कंपकंपी छूट रही है। मृतकों की संख्या ढाई सौ की ओर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल हेल्थ इमेरजेंसी घोषित कर दी है। अंदेशा है कि वायरस उन देशों में भी फैल सकता है, जहां स्वास्थ्य प्रणाली कमज़ोर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अब तक भारत समेत लगभग 19 देशों में इस वायरस से लगभग सौ लोगों के संक्रमित हो चुके हैं। ज़्यादातर संक्रमित वे लोग हैं, जिन्होंने हाल में चीन के वुहान शहर की यात्रा की है, जहां से इस वायरस की उत्पत्ति मानी जा रही है। हालांकि क़रीब आठ मामलों में मानव से मानव संक्रमण की पुष्टि भी की गई है।
केरल में चीन से लौटे जिस छात्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्ट हुई है उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। ये भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला है। पीड़ित चीन के वुहान यूनिवर्सिटी का छात्र है। मरीज़ को त्रिशूर अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड ( एकांत वॉर्ड) में रखा गया है। फिलहाल, केरल में इस तरह के क़रीब 1053 लोग निगरानी में हैं। चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही देहरादून की छात्रा की टेस्ट रिपोर्ट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी, पुणे से मिलने का एम्स ऋषिकेश को अभी इंतजार है। केरल में 24 सैंपल पुणे भेजे गए है। 15 सैंपल निगेटिव मिले हैं। एक सैंपल पॉज़िटिव रहा है। गुरुवार को सात मरीज़ और भर्ती कराए गए हैं। अलग-अलग अस्पतालों में 15 लोगों का इलाज चल रहा है। कोरोना वायरस के नाम में से ‘कोरोना’ शब्द का लेटिन भाषा में अर्थ है क्राउन। दऱअसल इस वायरस के ऊपर क्राउन की तरह कई कीलें होती हैं। इसलिए इस कोरोना वायरस कहा जाता है।
इस बीच ये भी पता चला है कि चीन एड्स की दवाओं से कोरोना वायरस पीड़ितों का इलाज करा रहा है। एक ताज़ा सूचना के मुताबिक, चीन के वुहान शहर में चलते-चलते एक चिकित्साकर्मी की दहशत से मौत हो गई। वह अस्पताल से कुछ दूर पहले ही गिरकर मर गया। चीन में करीब 8 हजार लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। हालात की गंभीरता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि अब यह तेजी से इंसानों से इंसानों में फैल रहा है।