विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तेज़ी से फैलते इस वायरस को वैश्विक संकट घोषित कर दिया है। इस बीच बताया गया है कि कोरोना वायरस डायबिटीज और कैंसर के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। शुरुआत में इस वायरस से शिकार होने वाले लोगों की मौत चीन में ही हुई थी, लेकिन बीते रविवार आई सूचना के मुताबिक़, फ़िलीपींस में भी एक व्यक्ति की मौत इस वायरस से हो चुकी है। इस सबके बीच दुनिया भर में लोगों के मन में इस वायरस से जुड़े सवाल कौंध रहे हैं। बीबीसी से इंटरनेट पर तमाम लोगों ने पूछा है कि क्या चीन के वुहान या दूसरे हिस्से जो कि इस वायरस की चपेट में हैं, वहां से निर्यातित माल को छूने से ये वायरस फैल सकता है? जवाब दिया गया है कि अब तक ऐसा कोई सुबूत सामने नहीं आया है, जिसके आधार पर ये पुख़्ता तौर पर कहा जा सके कि वुहान या दूसरे संक्रमित इलाकों से आए माल को छूने से वायरस फैल सकता है।
वैसे वर्ष 2003 में चीन ने सार्स नामक कोरोना वायरस का सामना किया था, जिसने दुनिया भर में 700 से ज़्यादा लोगों की जान ली थी। सार्स के मामले में ये पाया गया था कि अगर आप किसी चीज़ या जगह को छूते हैं जहां पर संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से वायरस पहुंचा हो तो आप उस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। अब तक इस कोरोना वायरस के मामले में ये बात सामने नहीं आई है लेकिन अगर ये वायरस ऐसा करने में सक्षम भी होता है, तब भी एक सवाल ये होगा कि क्या अंतरराष्ट्रीय शिपिंग एक बड़ी समस्या होगी। ज़ुकाम के वायरस इंसानी शरीर के बाहर 24 घंटे तक ज़िंदा रहते हैं। हालांकि कोरोना वायरस कई महीनों तक इंसानी शरीर के बाहर भी ज़िंदा रह सकता है।
बताया गया है कि ज़्यादातर लोग इस संक्रमण से निकलने के बाद पूरी तरह ठीक हो जाते हैं लेकिन ये वायरस वृद्ध लोगों और पहले से डायबिटीज़ और कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद ख़तरनाक है। इसके साथ ही ख़राब रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए ये भी बेहद ख़तरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, किसी भी वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड वो समय होता है जिस दौरान व्यक्ति वायरस से संक्रमित होता है. लेकिन उसके स्वास्थ्य पर उसका असर दिखाई नहीं देता है। फिलहाल, इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 2 से दस दिनों के बीच बताया जा रहा है लेकिन ठीक आंकलन के लिए ज़्यादा जानकारी की ज़रूरत है।