चीन में कोरोना वायरस से अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। 11 देशों में दशहत फैला चुके इस वायरस की दहशत उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद अब दिल्ली तक भी पहुंच गई है। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका में तीन लोगों को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती इन तीन मरीजों की उम्र 24 से 48 वर्ष के बीच की है। उनके बल्ड के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इधर, उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने राजकीय संयुक्त चिकित्सालय देहरादून के सभी डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। नैनीताल में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को पत्र लिखकर आइसोलेशन वार्ड बनाने को कहा गया है। केंद्र सरकार से जारी एडवाइजरी जारी होने के बाद प्रदेश के सभी सीएमओ को सावधान कर दिया गया है। पत्र लिखकर आगाह किया गया है कि अपने यहां आइसोलेशन वार्ड बना लें। साथ ही अस्पताल में एक चिकित्सक को नोडल अधिकारी नामित करें और उसका मोबाइल नंबर डिस्पले करें। सांस लेने में दिक्कत के साथ ही बुखार और कफ के साथ अगर कोई मरीज आता है तो उसकी जांच करें। मरीज के कोरोना जैसे लक्षण प्रतीत होने पर गले से लार का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। सैंपल एनसीडीसी दिल्ली भेजना होगा।
बिहार से कोरोना वायरस के चार, उत्तर प्रदेश में एक संदिग्ध मरीज मिला है। इनमें चीन से 22 जनवरी को लौटी सारण जिले की मेडिकल छात्रा भी शामिल है। चीन के तिआन्जिन प्रांत से छपरा आई शोध छात्रा को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एकांत वार्ड में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा दो संदिग्ध सीतामढ़ी और एक मुजफ्फरपुर निवासी है। मुजफ्फरपुर निवासी संदिग्ध का चीन से लौटने के बाद दिल्ली में इलाज चल रहा है। सीतामढ़ी निवासी एक अन्य मरीज अभी चीन में ही है। वहीं, उत्तर प्रदेश के महराजगंज के एक छात्र चीन से घर वापस आया और शनिवार देर रात अधिकारी जांच के लिए उसे जिला अस्पताल ले आए। उसे अलग वार्ड में निगरानी में रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सतर्कता बरतने के खास निर्देश दिए हैं। इंडो-नेपाल स्पेशल बार्डर पर कड़ी सतर्कता बरती जा रही है।