देश में शुक्रवार तक कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3 लाख 81 हजार 537 हो चुकी है। उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। यह जानकारी शुक्रवार को उनके ऑफिस ने दी। बताया जा रहा है कि उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन बढ़ गया है। उन्हें प्लाज्मा थैरेपी दी जाएगी। दो दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। फिलहाल वह राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती हैं। सत्येंद्र को सोमवार रात तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका जताई गई थी। हालांकि, उनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सभी राज्यों में कोरोना के टेस्ट की फीस एक होनी चाहिए। कहीं टेस्ट 2200 रुपए में तो कहीं 4500 रुपए में हो रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई खुद नोटिस कर की। जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि इसके लिए सभी राज्य मिलकर काम करें। उधऱ दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड का रेट तय करने के लिए बनी कमेटी ने शुक्रवार को सिफारिश गृह मंत्रालय को सौंप दी। गृह मंत्री अमित शाह ने 13 जून को यह कमेटी गठित की थी। फिलहाल प्राइवेट अस्पताल बेड के लिए 25 हजार से लेकर 54 हजार रु. तक वसूल रहे हैं। नई सिफारिशें लागू होने पर इलाज सस्ता हो जाएगा। नई सिफारिशों के मुताबिक, अब आइसोलेशन बेड के लिए हर दिन 8 हजार से 10 हजार रुपए, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड के लिए हर दिन 13 से 15 हजार रुपए और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड लेने पर हर दिन 15 से 18 हजार रुपए लगेंगे।
उधर, दिल्ली सरकार ने 31 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना के साढ़ पाँच लाख मरीज़ होने की आशंका जताई है। साथ ही कहा है कि इतने मरीज़ों के लिए बेड मिलने में परेशानी हो सकती है। इसी दिक्क़त को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 500 आइसोलेशन कोच देने का फरमान जारी किया था। 16 जून से दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन से चलने वाली रेलगाड़ियों को शिफ्ट भी कर दिया गया, ताकि रेल आइसोलेशन कोच वहाँ खड़े हो सके। दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उनसे इस सुविधा को लेने का फ़ैसला भी कर लिया लेकिन पूरी कहानी में अभी एक ट्विस्ट बाक़ी है।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गत दिवस इसका निरीक्षण करने के लिए शकूर बस्ती पहुँचे। यहाँ नार्दन रेलवे ने ऐसे ही 10 आइसोलेशन कोच खड़े कर रखे हैं। रेल आइसोलेशन कोच का निरीक्षण करने के बाद मनीष सिसोदिया ने पाया कि इतनी गर्मी में इन कोच का इस्तेमाल कोविड केयर यूनिट के तौर पर करना मुश्किल है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा है, “सोच अच्छी है। प्रयास अच्छा है लेकिन अभी इसमें कुछ इश्यू हैं। गर्मी बहुत ज़्यादा है। इसके असर को कैसे कम कर सकते हैं, ये देखना होगा। मेडिकल स्टॉफ इतनी गर्मी में पीपीई किट पहने हुए इस कोच में रहेगा, उससे उसको भी प्राब्लम होगी, पेशेंट को भी प्राब्लम होगी।”