इस्लाम के प्रचार के लिए भारत के देवबंद में बनाया गया तबलीगी जमात एशिया में कोरोना वायरस के प्रसार का बड़ा सबब बन गया है। दुनिया भर में करीब 15 करोड़ सदस्यों वाले तबलीगी जमात के इज्तिमा से भारत ही नहीं पूरे एशिया में हड़कंप मच गया है। आलम यह है कि इस जमात की गलती की सजा अब मलेशिया, पाकिस्तान समेत एशिया के कई देश भुगत रहे हैं। भारत में भी तबलीगी जमात की 18 मार्च को हुई एक बैठक से पूरे देश में हड़कंप जैसी स्थिति है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुई इस बैठक में हिस्सा लेने वाले 10 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। यह पूरा इलाका ही अब कोरोना का केंद्र बन गया है। यहां पर कोरोना के खतरे के बावूजद बिना इजाजत 18 मार्च को धार्मिक कार्यक्रम किया गया, जिसमें 300 विदेशियों के साथ 1900 लोग शामिल हुए। नतीजा 10 मौतें और 300 के संक्रमित होने का खतरा है।
ताजा जांच रिपोर्ट में निजामुद्दीन की मरकज बिल्डिंग में मौजूद लोगों में से अब तक 24 को कोरोना संक्रमित पाया गया है। सबसे गंभीर बात यह है कि यह खतरा दिल्ली तक सीमित नहीं है। तेलंगाना, तमिलनाडु से लेकर उत्तराखंड तक कोरोना का यह खतरा फैल चुका है, क्योंकि ये सभी लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आए और गए हैं। इससे पूरे देश में कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इतना ही नहीं, बहुत लोग सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया से भी आए थे, जहां पर पहले ही कोरोना बुरी तरह से फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में करीब 250 विदेशी मेहमान थे।
12 मार्च को पाकिस्तान का लाहौर शहर। कोरोना महासंकट के बीच दुनिया के 80 देशों के ढाई लाख लोग तबलीगी जमात के आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आयोजन स्थल पर इतनी ज्यादा भीड़ जुटी कि लोगों को खुले में जमीन पर सोना पड़ा। इस बैठक में 10 हजार मौलाना भी हिस्सा लेने पहुंचे थे। कोरोना संकट को देखते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने तबलीगी जमात के धर्मगुरुओं से यह बैठक कैंसिल करने की अपील की लेकिन जमात ने उनकी अपील नहीं मानी।
इसका नतीजा यह हुआ कि तबलीगी जमात की यह बैठक पाकिस्तान में कोरोना वायरस के प्रसार का बहुत बड़ा जरिया बन गई। पाकिस्तान में तबलीगी जमात के 27 सदस्यों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि यह संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कोरोना के बहुत तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे भी यही इज्तिमा जिम्मेदार है। पाकिस्तान में कुल 1836 लोग कोरोना से प्रभावित हैं और 23 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित पंजाब प्रांत है जहां पर यह तबलीगी इज्तिमा हुआ था। पंजाब में कोरोना के 651 मामले सामने आए हैं।
दरअसल, ऐसा संदेह था कि रायविंड रोड स्थित तबलीगी मरकज (प्रचार केंद्र) और विभिन्न मस्जिदों से कोरोना वायरस जगह-जगह फैला है। इसके बाद ही स्थानीय प्रशासन ने तबलीगी के कई प्रचारकों को हिरासत में लेकर क्वारंटीन किया था। ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जब क्वारंटीन सेंटर में सबका टेस्ट किया जा रहा था तो उनमें से एक प्रचारक ने पुलिस पर चाकू से हमला कर दिया और भागने की कोशिश की। 5 दिन तक चले इस सम्मेलन में 500 विदेशी भी शामिल थे। फरवरी में तबलीगी जमात ने प्रचार के लिए 11 ग्रुप गठित किए गए थे जो कि कसुर, चुनियान और पटोकी में प्रचार करने पहुंचे थे। उधर, यंग डॉक्टर्स असोसिएशन के स्थानीय प्रेजिडेंट डॉ.ताहिर शाहीन का कहना है कि प्रचारकों की क्वारंटीन सेंटर में निगरानी की जा रही है।
तबलीगी जमात की इसी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दो लोग फलस्तीन से लाहौर पहुंचे थे। ये दोनों लोग कोरोना से संक्रमित हो गए। जब ये लोग वापस अपने घर फलस्तीन पहुंचे तो वहां भी कोरोना वायरस पहुंच गया। इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले किर्गिस्तान के दो लोग भी अपने देश में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मलेशिया में भी इसी तरह की तबलीगी जमात की एक बैठक हुई थी। अब इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले 620 लोग कोरोना वायर से संक्रमित हो गए हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोग दक्षिण पूर्व एशिया के 15 देशों के नागरिक हैं।