भारत में भी बजट एयरलाइंस अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज चुकी है। गो एयर ने 90 फीसदी कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया है। विमानन क्षेत्र एक ऐसे संकट से गुजर रहा है जिससे उबर पाना उसके लिए फिलहाल नामुमकिन है। देशों में लॉकडाउन के कारण हवा में उड़ने वाले विमान जमीन पर खड़े हैं। अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मुताबिक एयरलाइंस को वैश्विक स्तर पर 113 अरब डॉलर का नुकसान कोरोना वायरस महामारी के कारण हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के 290 एयरलाइंस सदस्य हैं। आईएटीए का कहना है कि गुजरते दिनों के साथ उद्योग की संभावना और अधिक खराब नजर आ रही है। आईएटीए की मांग है कि सरकारें विमान कंपनियों को आर्थिक सहायता दें नहीं तो कंपनियां इस संकट को पार नहीं कर पाएंगी। आईएटीए के मुताबिक 2019 की तुलना में अप्रैल 2020 में 80 फीसदी उड़ानें दुनियाभर में रद्द हुईं। जनवरी के अंत में विमानन क्षेत्र के लिए संकट शुरू हुआ जब कंपनियों ने कोविड-19 के कारण चीन जाने वाली उड़ानें बंद करनी शुरू कर दी।
इस बीच इंडिगो ने कहा है कि वह चालू माह अप्रैल में अपने इम्पलॉई कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं करेगी। इससे पहले इंडिगो ने ऐलान किया था कि कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर कंपनी अपने कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी तक कटौती करेगी। हालांकि इंडिगो के शीर्ष स्तर के अधिकारी स्वेच्छा से अपनी सैलरी में कटौती करा रहे हैं। यह स्थिति तब तक जारी रहेगी जब तक हालात बेहतर नहीं हो जाते। इंडिगो के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर ने एयरलाइन में काम करने वाले इम्पलॉई को इस बारे में एक ई-मेल लिखा है।
एयर इंडिया और एयर एशिया की वेबसाइट पर अभी फ्लाइट टिकट बुकिंग की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। पिछले सप्ताह सभी एयरलाइन ने टिकट बुकिंग शुरू कर दी थी जिसके बाद महानिदेशालय ने सभी एयरलाइन को निर्देश जारी किया था कि जब तक इस मामले में सरकार की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं कर दिया जाता है, तब तक एयरलाइन टिकट बुकिंग शुरू नहीं करें।