नैनीडाडा ब्लाक (पौड़ी) की कुछ ग्राम सभाओं में आजकल जो लोग 14 दिनों के लिए स्कूलों में क्वारंटीन हैं, उनको जबरन 8-10 दिन में ही घर भेज देने की शिकायतें मिल रही हैं। दूसरी शिकायत ये भी है कि वहां के लोगों को खाना प्रशासन की ओर से नहीं दिया जा रहा है, बल्कि उनके घर वाले खाना पहुंचा रहे हैं। जब यहां क्वारंटीन लोग ग्राम प्रधान या जिम्मेदार अधिकारी से बात करते हैं, उनका जवाब होता है, उन्हे ऊपर से सरकारी सहायता नहीं मिल रही है तो खाना कहां से दें। गांव के लोग राशन वितरण समस्या से भी जूझ रहे हैं। राशन का वितरण में जान-पहचान और आपसी संबंधों को मानक बना दिया गया है।
उपजिलाधिकारी, कोटद्वार, योगेश मेहरा का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटर में अभी तक जो भी भोजन दिया जा रहा था, वह सामाजिक संस्थाएं दे रही थीं। भोजन में लगातार आ रही शिकायतों के चलते अब भोजन व्यवस्था को ठेके पर देने का निर्णय लिया गया है, जिसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। दरअसल, यहां के क्वारंटाइन सेंटर्स में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों का साफ कहना है कि भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है। जिस कारण कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा साफ-सफाई और पेयजल की व्यवस्था भी बदहाल है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं भोजन को लेकर लगातार शिकायतों के बाद अब प्रशासन चेता है और भोजन व्यवस्था ठेके पर देने का निर्णय लिया है।
प्रशासन ने कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में बाहर से आए प्रवासियों को क्वारंटाइन किया हुआ है। क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे इन प्रवासियों की सबसे बड़ी शिकायत बेहतर भोजन न दिए जाने को लेकर है। रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डबराड़ निवासी क्वारंटाइन सेंटर में रखी गई एक युवती को खांसी-जुकाम की समस्या है, लेकिन भोजन में उसे दिन-रात दाल-चावल दिए गए। जिससे उसका स्वास्थ्य और अधिक खराब हो गया। युवती ने रोटी की मांग की तो चौबीस घंटे में उसे मात्र चार रोटी ही मिली।
डिग्री कॉलेज में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मुंबई से लौटे यमकेश्वर ब्लॉक निवासी सतेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस सेंटर में पानी की भी व्यवस्था नहीं है। डिग्री कॉलेज में स्थित पेयजल टैंक से पानी लाना पड़ रहा है, जिसकी शायद पिछले कई वर्षों से सफाई नहीं हुई है। उन्हें अपने परिचितों से बाहर से पानी मंगवाना पड़ रहा है। खाने में घटिया क्वालिटी का दाल-चावल दिया जा रहा है। बताया कि पिछले दिनों चावल में कीड़े भी पड़े नजर आए, जिस कारण कई लोगों ने भोजन छोड़ दिया।
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत श्री गुरुराम राय पब्लिक स्कूल में क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों को बांटे गए भोजन में कीड़े पड़े होने का वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ। यह पहला मौका नहीं है, जब खाने में कीड़े मिलने की शिकायत सामने आई हो, लेकिन तमाम शिकायतों के बाद भी प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। प्रवासियों का यह भी कहना है कि भोजन प्लास्टिक की थैलियों में लाया गया जा रहा है व भोजन खाने को प्लेट भी नहीं दी जा रही।
कोटद्वार का डिग्री कॉलेज वन क्षेत्र से सटा हुआ है, जिस कारण यहां हर वक्त सांप-बिच्छू का खतरा बना रहा है। प्रशासन की ओर से दो मंजिला भवन के भूतल में प्रवासियों के लिए जमीन पर ही बिस्तर लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, नियमानुसार क्वारंटाइन सेंटरों में बिस्तरों के मध्य करीब एक मीटर का फासला होना चाहिए, लेकिन यहां बिस्तर एक-दूसरे से सटा कर ही लगाए गए हैं। मुंबई से पहुंचे सतेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक कमरे में 18 से 20 लोगों को रखा गया है।