मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार्टर्ड विमान द्वारा लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को वापस उनके घर भेजने के लिए शनिवार को बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को धन्यवाद दिया और उन्हें कोरोना वायरस संकट खत्म होने के बाद पहाड़ी राज्य में आने के लिए आमंत्रित किया। अपना आभार व्यक्त करने के लिए रावत ने सूद से फोन पर बात की। रावत ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “फिल्म अभिनेता सोनू सूद के मानवीय कृत्य के लिए उनका शुक्रिया अदा करने के लिए आज फोन पर बात की। उन्होंने और उन सभी धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने सराहनीय काम किया है जिन्होंने प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में वापस लौटने में मदद की है।”मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सूद को कोरोना वायरस संकट खत्म होने के बाद पहाड़ी राज्य में आने के लिए आमंत्रित किया। रावत से बात करने के बाद सोनू ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री से मिली सराहना के बाद उन्हें और मजबूती मिली है। सोनू ने ट्वीट किया, “आपसे बात करके अच्छा लगा। जिस सादगी और गर्मजोशी से आपने मेरे प्रयासों की सराहना की है, उससे मुझे और ताकत मिली है। मैं जल्द ही बद्री-केदार के दर्शन के लिए उत्तराखंड आऊंगा और आपसे मिलूंगा।”
इस बीच मुख्यमंत्री ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सप्ताह में एक दिन आपदा प्रबंधन का पाठ पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार अपने आवास पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कहा कि युवाओं और ग्राम सभा में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। आगजनी की घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए। आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए। उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए। मानसून से पहले आपदा कि दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए। आपदा रिस्पांस टाइम को कम से कम करने का प्रयास किया जाए।
बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अफसरों ने बताया कि मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 12321 युवक मंगल दल एवं 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। 2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं। गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं। राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को कुल 98 करोड़, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव शैलेष बगोली, एसए मुरुगेशन, आईजी एसडीआरएफ संजय गुंज्याल आदि उपस्थित रहे।