जलवायु आपदा के खिलाफ लगातार संघर्षरत ग्रेटा थनबर्ग ने अपने 17वें जन्मदिन पर भयानक सर्दी के बावजूद स्टॉकहोम में स्वीडिश संसद के सामने सात घंटे तक लगातार प्रदर्शन किया। ग्रेटा थनबर्ग ने 15 साल की उम्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रदर्शन शुरू किए थे। गौरतलब है कि वह हर शुक्रवार को स्कूल छोड़कर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर छात्रों के साथ प्रदर्शन करती हैं। ग्रेटा ने जन्मदिन पर ही अपना नाम बदल कर शैरन रख लिया। एक क्विज शो में सेलिब्रिटी कंटेस्टेंट अमांडा हेंडरसन को ग्रेटा की तस्वीर दिखाकर उनकी पहचान के बारे में पूछा गया। अमांडा ग्रेटा को नहीं पहचान पाईं और उनका नाम शैरन बता दिया। इस वाकये को लेकर ही ग्रेटा ने मजाक में अपना नाम और अपना बायो बदला।
इस अभियान से उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली है। ग्रेटा ने कहा कि वह यहां हमेशा की तरह सुबह 8 से 3 बजे तक प्रदर्शन के लिए खड़ी रहेंगी। इसके बाद घर जाएंगी। घर में कोई बर्थडे केक नहीं होगा। वह परिवार के साथ सिर्फ डिनर करेंगी। उनके पिछले 12 महीने अजीब और व्यस्त रहे लेकिन वह बेहतरीन रहे क्योंकि उस दौरान उन्होंने जाना कि वह जीवन में आगे क्या करना चाहती हैं और जो कर रही हैं, उसका प्रभाव भी पड़ रहा है। ग्रेटा की मांग है कि उनकी सरकार कार्बन उत्सर्जन कम करने पर काम करे। उनके इस अभियान ने बाद में जलवायु के मुद्दे पर चल रहे कई छोटे-बड़े विरोध प्रदर्शनों को प्रेरित किया। इस साल क्लाइमेट एक्टिविस्ट के तौर पर प्रभाव छोड़ने के लिए टाइम मैगजीन ने ग्रेटा को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ करार दिया।