उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं क्लास के बाकी विषयों की परीक्षा 20 जून से 23 जून तक होगी। ये परीक्षाएं कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से स्थगित हो गई थीं। राज्य के शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम के. ने बताया कि उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 15 जुलाई तक पूरा हो जाएगा। सुंदरम ने उत्तराखंड शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि संबंधित परीक्षा केंद्रों के जिला मैजिस्ट्रेट को सूचित किया जाए।
कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में मार्च के आखिरी हिस्से में लॉकडाउन किया गया था। 31 मई, 2020 तक यह लॉकडाउन रहा और 1 जून से अनलॉक 1.0 की शुरुआत हुई है। लॉकडाउन और सोशल डिस्टैंसिंग को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और शैक्षिक संस्थान को बंद कर दिया गया था। ज्यादातर स्कूलों में पहली से लेकर नौवीं तक के छात्रों को परीक्षा के बगैर इंटर्नल असेसमेंट के आधार पर अगली क्लास में प्रमोट किया। सीबीएसई बोर्ड एग्जाम के भी 10वीं और 12वीं के कुछ विषयों के एग्जाम को टाल दिया गया था।
स्कूली परीक्षाओं समेत सभी प्रतियोगी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया था। जेईई मेन, जेईई अडवांस्ड, नीट, यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं को भी टाल दिया गया था। सबसे पहले जईई मेन, जेईई अडवांस्ड और नीट के एग्जाम की डेट का ऐलान किया गया। उसके बाद सीबीएसई के 10वीं और 12वीं क्लास के बाकी विषयों की परीक्षा का ऐलान हुआ। फिर कल यानी 5 जून को यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू की तारीखों का ऐलान किया गया है। यूपीएससी के नए कैलेंडर को भी जारी किया गया है।
उधर, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में स्कूलो के बंद रहने से पाठ्यक्रम को तर्कसंगत बनाने में जुटा है। एक महीने में नया पाठ्यक्रम तैयार हो जाएगा। इस बारे में सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने जानकारी दी। आहूजा ने कहा, “हम शिक्षा प्रणाली में अचानक बदलाव नहीं ला सकते। इससे भ्रम और अनिश्चितता पैदा हो सकती है। पाठ्यक्रम में सुधार को सीखने की प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा। आहूजा “स्कूलों का भविष्य: कोविड-19 की चुनौतियां और आगे की दिशा’ विषय पर अशोक यूनिवर्सिटी की ओर ये आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
सीबीएसई अध्यक्ष ने कहा, “हम पाठ्यक्रम को तर्कसंगत बना रहे हैं। हमारी योजना मुख्य तत्वों को बनाए रखने की है। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अप्रैल में घोषणा की थी कि सीबीएसई कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन के कारण खोए समय के लिए सभी वर्गों के लिए अगले शैक्षणिक कैलेंडर में पाठ्यक्रम को कम कर देगा। इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभिन्न ग्रेड के लिए वैकल्पिक कैलेंडर सॉन्च किया जो लॉकडाउन के दौरान सीखने की योजना का विस्तार करता है।
कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। बाद में सरकार द्वारा 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद सभी राज्यों की बोर्ड परीक्षा, सीबीएसई, आईसीएससी बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई थी। वहीं, अब देश में हो रहे अनलॉक के साथ ही कई शैक्षणिक गतिविधियां भी तेज हो गई है। हालांकि, अभी स्कूल- कॉलेज को दोबारा खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस बारे में राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और पैरेंट्स की सलाह के बाद जुलाई में ही फैसला लिया जाएगा।