मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर बताया है कि सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं 01 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होंगी। गौरतलब है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से देश भर में लॉकडाउन के चलते स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और अन्य शैक्षिक संस्थान बंद चल रहे हैं। पूरे देश में परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है। सभी राज्यों में पहली से लेकर नौवीं क्लास तक और 11वीं क्लास के छात्रों को परीक्षा के बगैर ही अगली क्लास में प्रमोट किया गया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एक विडियो संदेश के माध्यम से तारीख का ऐलान किया है। बताया गया है कि सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की अब करीब 29 विषयों की परीक्षा होंगी। परीक्षा सिर्फ मुख्य विषयों की होगी, जो अगली क्लास में प्रमोट करने के लिए जरूरी है। बचे हुए पेपर में से मुख्य पेपर की परीक्षा होगी। इसका मतलब यह हुआ कि 10वीं की परीक्षा दंगा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली के छात्रों के लिए होगी, बाकी के लिए नहीं। वहीं 12वीं की परीक्षा पूरे देश के छात्रों के लिए होगी।
इससे पहले जब सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी की ओर से जानकारी दी गई थी कि 10वीं की परीक्षाएं नहीं होंगी तो एक भ्रम पैदा हो गया था जिसे सीबीएसई ने नोटिस जारी करके दूर किया। सीबीएसई के नोटिस में कहा गया कि 1 अप्रैल के सर्कुलर के मुताबिक 10वीं की परीक्षा होगी। यहां पर यह समझ लेना जरूरी है कि दंगा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली के क्षेत्रों को छोड़कर बाकी देश में 10वीं की मुख्य परीक्षाएं हो गई थीं। ऐसे में पूरे देश के लिए 10वीं की परीक्षा का कोई सवाल नहीं है क्योंकि अब सिर्फ मुख्य विषयों की परीक्षा होनी है।
बोर्ड ने यह स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा शुरू होने से पहले सभी हितधारकों को 10 दिनों का पर्याप्त समय दिया जाएगा। सीबीएसई पहले स्पष्ट कर चुका है कि वह विदेश में बाकी बचे किसी भी विषय की परीक्षा नहीं कराएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी राज्यों से अपील की थी कि बोर्ड परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करे और सीबीएसई को अपने-अपने राज्यों में छात्रों की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने में मदद करें।