महात्मा गांधी के सत्याग्रह को ड्रामा करने वाले भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी पर कांग्रेस ने भारी ग़ुस्सा जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफ़ी मांगने और अनंत कुमार के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। इस समय संसद में बजट सत्र 2020 चल रहा है। इसमें विपक्ष बजट के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी हंगामा कर रहा है। हंगामे के चलते ही सोमवार को सदनों (राज्यसभा, लोकसभा) की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था। आज सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी हुई। इसमें सांसद अनंत कुमार हेगड़े को आने से मना किया गया। उन्होंने गांधी पर विवादित बयान दिया था। कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से संसद में आकर हेगड़े के ‘आपत्तिजनक’ बयान पर अपना रुख़ साफ़ करने की भी मांग पर अड़ी हुई है।
आज संसद में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, के सुरेश, अब्दुल खालिक और हिबी इदीन ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनंत कुमार हेगड़े के गांधी पर दिए गए बयान का जिक्र करते हुए सत्ता पक्ष पर हमला बोला। उन्होंने सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इनका संबंध रावण के परिवार से है, जो राम के पुजारी का अपमान कर रहे हैं। ज्यादा हंगामा होने पर आखिरकार लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
समाचार एजेंसियों के मुताबिक़, बीजेपी नेता हेगड़े ने बेंगलुरु के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर दावा किया था कि ‘आज़ादी की पूरी लड़ाई अंग्रेज़ों की सहमति एवं सहयोग से लड़ी गई थी और महात्मा गांधी के नेतृत्व वाला स्वतंत्रता आंदोलन एक नाटक था।’ इस टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली चुनाव में ध्रुवीकरण करके वोट हासिल करने के लिए भाजपा के कई नेता-मंत्री भड़काऊ बयान दे रहे हैं। संसद परिसर में आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि महात्मा गांधी का और आज़ादी के आंदोलन का इससे बढ़कर अपमान नहीं हो सकता। अगर प्रधानमंत्री और सरकार कार्रवाई नहीं करती, तो साबित हो जाएगा इनकी नीयत में खोट है। हमारी मांग है प्रधानमंत्री संसद में आएं और इस मामले पर स्पष्टीकरण दें।
बीजेपी नेता अनंत हेगड़े इससे पहले भी अपने विवादित बयानों के लिए सुर्ख़ियों में रहे हैं। साल 2019 में उन्होंने कर्नाटक के कोडागू में एक सभा में कहा था कि ‘अगर हिंदू लड़की को कोई हाथ छूता है, तब वह हाथ बचना नहीं चाहिए। हमें अपने समाज की प्राथमिकताओं पर दोबारा सोचना चाहिए। हमें अपनी जाति के बारे में नहीं सोचना चाहिए।’ उन्होंने संविधान के संबंध में भी कहा था कि कुछ लोग कहते हैं, संविधान धर्म निरपेक्षता की बात कहता है और उसे स्वीकारना चाहिए। हमें संविधान का सम्मान करना चाहिए लेकिन संविधान कई बार बदल चुका है और यह भविष्य में भी बदल सकता है। हम यहां संविधान बदलने के लिए हैं और हम इसे बदलेंगे। अभी पिछले साल ही मोदी सरकार में मंत्री रहते हुए अनंत हेगड़े ने राहुल गांधी से उनके डीएनए का सबूत भी मांगा था।