पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीपी मलिक का कहना है कि अगर जल्द से जल्द बातचीत से गलवान घाटी का मुद्दा नहीं सुलझा लिया गया तो पिछले दिनो जैसी हिंसक झड़पें बढ़ जाएंगी। जब सैनिक आमने-सामने हों, टेंशन और गुस्से का माहौल हो तो छोटी सी घटना भी बढ़ा रूप ले सकती है। फिलहाल गलवान घाटी में भारतीय सेना भी पूरी तरह सतर्क है। थल और वायु सेना दोनों हाई-अलर्ट पर हैं। चीन की किसी भी गुस्ताखी का जवाब देने की सेना को मोदी सरकार ने पूरी छूट दी है।
अब देश के रक्षा मामलों से जुड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि लद्दाख की गलवान घाटी में हालात को जल्द काबू नहीं किया गया तो स्थिति और चिंताजनक हो सकती है। ऐसे में युद्ध तक की नौबत से इनकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण है। हालात अभी ऐसे हैं कि कभी भी चीनी और भारतीय सेना आमने-सामने आ सकती हैं, ऐसे में जल्द से जल्द विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाना जरूरी हो जाता है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वे भारत-चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, ‘वहां मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं। दोनों देश गंभीर समस्या से गुजर रहे हैं। हम भारत और चीन से बात कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है। हमारी तरफ से सुलह की कोशिश भी हो रही है।’ ट्रम्प ने पिछले महीने भी भारत और चीन के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि अगर भारत और चीन तैयार हों तो अमेरिका सीमा विवाद सुलझाने में मध्यस्थता कर सकता है। ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा था कि वे सीमा विवाद से खुश नहीं हैं। हालांकि, भारत और चीन दोनों ने ट्रम्प की यह पेशकश ठुकरा दी थी। आपसी बातचीत से मसले का हल करने की बात कही थी।