कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत अचानक तल्ख हो उठी है। उन्होंने वचन पत्र में जनता से किए वादे पूरे नहीं करने पर सड़क पर उतरने की बात कही थी। इसे लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। सवाल पूछे जाने पर कमलनाथ ने साफ कहा- तो उतर जाएं…। मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने सरकार पर सिंधिया के हमलों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।
यह पहली बार नहीं है जब सिंधिया ने कमलनाथ सरकार पर टिप्पणी की है। वे पिछले साल जनसभाओं में कर्जमाफी और बाढ़ राहत सर्वे को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं। दिल्ली में समन्वय समिति की बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा था- ”कांग्रेस का वचन पत्र 5 साल के लिए है, न कि 5 महीने के लिए। यानी वचन पत्र में जो भी वादे किए गए हैं वे पांच साल में पूरे कर लिए जाएंगे। वचन पत्र के वादों को पूरा करने को लेकर पार्टी अध्यक्ष से चर्चा की है।” वहीं, प्रदेश के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने एक समारोह में कहा था कि धन की कमी के कारण वचन पत्र में शामिल कुछ वादे पूरे नहीं हो पाए। सिंधिया कांग्रेस के बड़े नेता हैं। उन्हें सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री से चर्चा कर सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।
सिंधिया ने टीकमगढ़ की सभा में कहा, ”मैंने चुनाव से पहले भी अतिथि शिक्षकों की मांग सुनी थी। मैं भरोसा देता हूं कि आपकी जो मांग हमारी सरकार के वचन पत्र में है, वो वचन पत्र हमारे लिए ग्रंथ है। इसका एक-एक वाक्य पूरा न हुआ तो खुद को सड़क पर अकेला मत समझना। आपके साथ सड़क पर सिंधिया भी उतरेगा। सरकार बने हुए एक साल हुआ है, थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। हमारी बारी आएगी, ये भरोसा आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो, मैं आपकी ढाल और तलवार बनूंगा।”