लखनऊ में नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा – मैं लखनऊ की धरती से डंडे की चोट पर कह रहा हूं, सिटिजनशिप एक्ट वापस नहीं होगा। इस बिल को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, मायावती, सपा और कम्युनिस्ट कांव-कांव कर रही हैं। मैंने इस बिल को संसद में पेश किया है। मैं चुनौती देता हूं कि इस बिल में की किसी भी धारा में अगर किसी शख्स की नागरिकता छीनने की बात है तो दिखाए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है। अफगानिस्तान में बुद्ध की प्रतिमाएं तोड़ी गईं लेकिन राहुल बाबा की पार्टी ने पाप के कारण धर्म के आधार पर देश का विभाजन स्वीकार कर लिया गया। जब विभाजन हुआ तो पूर्वी पाकिस्तान यानी आज बांग्लादेश में 30 फीसदी और पाकिस्तान में 23 फीसदी अल्पसंख्यक थे लेकिन आज वह कहां गए? या तो उन्हें मार दिया गया या फिर धर्म परिवर्तन करा दिया गया। इन आंख के अंधों और कान के बहरों को न सुनाई देता है, न दिखाई देता है।
अमित शाह ने कहा, ‘मैं मानवाधिकार के लोगों से पूछना चाहता हूं कि उस समय कहां चले गए थे जब कश्मीर से पंडितों को भगा दिया गया। इन 70 सालों से पीड़ित लोगों को नरेंद्र मोदी ने नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है। ये जो सिख, हिंदू और बौद्ध हैं, उनको नागरिकता दी गई। जिनको विरोध करना हो करें, मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूं कि सिटिजनशिप एक्ट वापस नहीं होने वाला। अखिलेश यादव ज्यादा न बोला करें। बिना पढ़े हर बात पर बोलते हैं। पढ़ा करें। इससे फायदा होता है। राहुल गांधी की आदत पड़ गई है कि वह देशहित की हर बात का विरोध करते हैं। राहुल गांधी और ममता बनर्जी कहते थे कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 न हटाओ। जो गलती जवाहर लाल नेहरू ने की थी, उसे नरेंद्र मोदी ने उखाड़ कर फेंक दिया।