अमेजन के सैकड़ों कर्मचारियों ने कंपनी की संचार नीति का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन रिटेल दिग्गज के पर्यावरण रिकॉर्ड की खुलकर आलोचना की. अमेजन एम्प्लॉइज फॉर क्लाइमेट जस्टिस (एईसीजे) की एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए 300 से अधिक कर्मचारियों ने हस्ताक्षर कैंपेन में हिस्सा लिया. पर्यावरण के मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए अमेजन ने सितंबर 2019 को एईसीजे शुरू किया था जिसका काम है कंपनी को पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने के लिए प्रेरित करना.
पर्यावरण पर ध्यान ना देने का आरोप लगाते हुए समूह ने सार्वजनिक रूप से कंपनी की आलोचना की है. कंपनी के नियम तोड़ने पर इन सदस्यों को निकालने की धमकी दी है. एईसीजे ने कहा, “कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन पर्यावरण के मुद्दे पर सबसे बड़ी कार्रवाई है. जलवायु संकट में अमेजन की भूमिका के बारे में बताने पर कंपनी ने कर्मचारियों को धमकी देना शुरू कर दिया है.” अमेजन की सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर सारा ट्रेसी ने कहा, “कंपनी की पर्यावरण को लेकर क्या भूमिका है इस पर बोलना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन संचार विभाग हमें जिम्मेदारी निभाने से रोक रहा है.”
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर जब सार्वजनिक तौर पर किसी कंपनी की गतिविधियों की चर्चा हो और सवाल पूछे जाएं तब कर्मचारियों से ऐसे विरोध प्रदर्शनों पर लगाम लगाने को कहा जाना अपेक्षित प्रतिक्रिया है. कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन कंपनी में 2018 तक करीब छह लाख स्थाई कर्मचारी थे. इस विरोध प्रदर्शन के जरिए जलवायु परिवर्तन के कई मुद्दों पर कंपनी का ध्यान दिलाया गया. अमेजन की अन्य गतिविधियों जैसे तेल क्षेत्र में कंपनी का कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल भी आलोचनाओं के घेरे में है.
अमेजन कार्बन फुटप्रिंट बढ़ाने की वजह से भी पर्यावरणविदों के निशाने पर है. इसकी क्लाउड कंप्यूटिंग गतिविधियों के लिए सर्वर ऊर्जा की भारी खपत होती है. तेजी से उत्पादों को पहुंचाया जाए इसके लिए कंपनी ने विशाल सड़क परिवहन नेटवर्क का निर्माण किया गया. जो ग्रीनहाउस गैसों को पैदा कर रहा है. यही गैसें जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानी जाती हैं.
अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने पिछले साल 19 सितंबर को पर्यावरण को सुरक्षित करने में योगदान देने का वादा किया था. विशेष रूप से कहा गया था कि फर्म 2040 तक कार्बन न्यूट्रल होगी. लेकिन कंपनी के ही एईसीजे समूह के मुताबिक यह कदम पर्याप्त नहीं और इसके लिए अमेजन को 2030 का लक्ष्य रखना चाहिए.
अमेजन के वरिष्ठ मार्केटिंग प्रमुख मार्क ह्यू कहते हैं, “यह आवाजों को शांत करने का समय नहीं है. हमें ऐसी नीतियों का स्वागत करने की जरूरत है जो जलवायु परिवर्तन, इसके कारणों और समाधानों पर खुलकर बात कर सकें.” समाचार एजेंसी एएफपी ने अमेजन से इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया लेनी चाही लेकिन अनुरोध के बावजूद कंपनी का कोई जवाब नहीं आया. अमेजन के मालिक बेजोस के ही मीडिया संस्थान वाशिंगटन पोस्ट ने अमेजन के प्रवक्ता ड्रे हेरडेनर के हवाले से लिखा है कि अमेजन कर्मचारियों के विचारों को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन कंपनी तक बात पहुंचाने के लिए उसी के प्लेटफार्म का इस्तेमाल होना चाहिए. सार्वजनिक तौर पर नहीं.