लद्दाख शहादत के बाद से भारतीय सेना, वायुसेना और नेवी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वायुसेना अपने लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड बेस में तैनात कर रही है। इस बीच, वायुसेना चीफ आरएकेएस भदौरिया ने लेह और श्रीनगर एयरबेस का दौरा किया है। इसे चीन को बड़े संकेत देने के तौर पर देखा जा रहा है। यहां से लद्दाख में किसी भी ऑपरेशन को तत्काल अंजाम दिया जा सकता है। बताया जाता है कि एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया बीते बुधवार को अचानक लेह पहुंचे थे। वे श्रीनगर एयरबेस भी गए थे। शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई। इस बीच, एयरफोर्स ने अपने फाइटर प्लेन फॉरवर्ड बेस और एयरफील्ड की तरफ भेज दिए हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकार के एक सूत्र के हवाले से बताया कि एयरफोर्स चीफ दो दिन के दौरे पर हैं। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन ने 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं। ऐसे में एयरफोर्स चीफ ने किसी भी हालात से निपटने की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया। एयरफोर्स चीफ 17 जून को लेह और 18 जून को श्रीनगर एयरबेस गए थे। ये दोनों ही एयरबेस पूर्वी लद्दाख इलाके के पास हैं। अगर ऊंचे इलाकों में किसी भी तरह के फाइटर एयरक्राफ्ट ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है तो लेह और श्रीनगर एयरबेस का इसमें इस्तेमाल किया जाएगा। इन एयरबेस के जरिए भारत चीन की हकरतों पर साफ नजर रख पाएगा। जब एयरफोर्स के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी से एयरफोर्स चीफ के दौरे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- नो कमेंट्स।
एयरफोर्स ने सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000 और जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट को फाॅरवर्ड बेस पर भेजा ताकि वे शॉर्ट नोटिस पर भी उड़ान भर सकें। आर्मी की मदद के लिए अमेरिका से खरीदे गए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर भी उन इलाकों में तैनात किए गए हैं, जहां अभी सेना के जवान मौजूद हैं। चिनूक हेलिकॉप्टरों की तैनाती लेह एयरबेस के आसपास की गई ताकि वैली के अंदर जरूरत पड़ने पर सैनिकों की तुरंत आवाजाही हो सके। Mi-17V5 मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी वहां जरूरी सामान पहुंचाने के लिए मौजूद हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, लद्दाख और तिब्बत रीजन में अगर एयरफोर्स को किसी ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है तो वह लेह, श्रीनगर, अवंतीपुर, बरेली, आदमपुर, लुधियाना के हलवाड़ा, अंबाला और सिरसा के एयरबेस का इस्तेमाल कर सकेगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक जैसा बयान दिया। उन्होंने कहा- सही क्या है और गलत क्या है, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है। भारत-चीन बातचीत कर रहे हैं।