युवा कृषि आंत्रप्रेन्योर के लिए अच्छी खबर है। इनोवेटिव बिजनेस आइडियाज को बढ़ावा देने के मकसद से इंदिरा गांधी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में इनक्यूबेशन सेंटर शुरू किया गया है। इसका नाम रखा गया है ‘रफ्तार एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर’ (आर-एबीआई)। युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी टेक्नोलॉजी से कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने और यूनीक आइडियाज पर काम करने के लिए मोटिवेट करने के लिए इसकी शुरुआत की गई है। इसके तहत स्टार्टअप शुरू करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए 5 लाख से 25 लाख रुपए तक की ग्रांट दी जाएगी। सेंटर के सीईओ डॉ. हुलास पाठक ने बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर्स से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू कर दी गई है।
सलेक्ट होने पर आइडिया को बिजनेस मॉडल के रूप में डेवलप किया जाएगा। टेक्निकल और बिजनेस मेंटरिंग की जाएगी। आंत्रप्रेन्योर्स को 2 महीने ट्रेनिंग देंगे। हर महीने 10 हजार रुपए स्टाइपेंड दी जाएगी। को-वर्किंग स्पेस देंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट दिया जाएगा। निवेशकों से मिलवाया जाएगा। इनक्यूबेशन सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी डिपाटर्मेंट ऑफ एग्री बिजनेस एंड रूरल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट को सौंपी गई है।
डायरेक्ट्रेट ऑफ रिसर्च सर्विस की बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर 6 हजार स्क्वेयर फीट में बने हॉल में सेंटर डेवलप किया जा रहा है। बिल्डिंग पहले से बनी हुई है। स्टार्टअप्स की जरूरतों के अनुसार यहां इंटीरियर डेकोरेशन कर को-वर्किंग स्पेस बनाया जाएगा। लैब, मीटिंग रूम, इंटरनेट सहित हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। देश का काई भी व्यक्ति जिसके पास एग्रीकल्चर से संबंधित कोई भी यूनीक बिजनेस आइडिया है, वो इनक्यूबेशन सेंटर में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकता है। ये जरूरी नहीं कि खेती करने वाले ही ग्रांट के लिए आवेदन करें। किसी भी सेक्टर का कोई भी आंत्रप्रेन्योर जो अपने आइडिया से कृषि या कृषि उत्पादों को नेक्स्ट लेवल पर ले जा सकते हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
ग्रांट उन्हीं को दी जाएगी, जो अपना बिजनेस छत्तीसगढ़ में स्थापित करेगा। रजिस्ट्रेशन के लिए यंग आंत्रप्रेन्योर्स 10 जून तक वेबसाइट igkvrabi.com पर विजिट कर आवेदन कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए इनक्यूबेशन सेंटर के डॉ. अर्चित नायक से 7987257716 पर संपर्क भी कर सकते हैं। ऐसे आंत्रप्रेन्योर्स, जिनके पास एग्रीकल्चर से संबंधित अच्छा बिजनेस आइडिया है, जिन्होने अपने प्रोडक्ट या आइडिया का प्रोटोटाइप भी तैयार कर लिया है, वे इस कैटेगिरी में आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत आंत्रप्रेन्योर्स को अपना प्रोडक्ट बनाने और स्टार्टअप शुरू करने 5 लाख रुपए की ग्रांट दी जाएगी।
आइडिया संवारने और कमियों को दूर करने के लिए आंत्रप्रेन्योर्स को दो महीने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ऐसे आंत्रप्रेन्योर्स जो कृषि या कृषि उत्पादों से संबंधित अच्छे बिजनेस आइडिया पर काम शुरू कर चुके हैं, जिनका प्रोडक्ट पूरी तरह तैयार है, वो इस कैटेगिरी में आवेदन कर सकते हैं। ऐसे आंत्रप्रेन्योर्स को बिजनेस ग्रोथ और बेहतर संचालन के लिए 25 लाख रुपए की ग्रांट दी जाएगी।