मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश वासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आज, शनिवार को योगाभ्यास किया। उधर, पतंजिल पीठ की ओर से बाबा रामदेव एक दिन पहले ही विश्व योग दिवस की याद में गंगा घाट पर एडवांस ध्यान, एडवांस योग का शंखनाद कर चुके हैं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने संदेश में कहा है कि उत्तराखंड योगभूमि भी है। विश्व के कई देशों से लोग हमारे राज्य में योग का प्रशिक्षण लेने आते हैं। कोरोना संकट में योग, प्राणायाम एवं आयुर्वेद का महत्व बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफल प्रयासों से सारा विश्व 21 जून को योग दिवस के रूप में मना रहा। इस बार के योग दिवस का आयोजन विशेष परिस्थिति में हम लोग कर रहे हैं। विगत वर्षों में जहां हम सार्वजनिक रूप से और लाखों लाखों की संख्या में लोग एकत्रित होकर एक साथ योगाभ्यास करते थे, इस वर्ष कोविड-19 के वजह से माननीय प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से अनुरोध किया है कि हम सब लोग अपने घरों में योग करें। कोविड-19 महामारी से बचने के लिए हमारी इम्यूनिटी मजबूत होना बहुत जरूरी है और योग के द्वारा हम अपनी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस अवसर पर मैं आप सब प्रदेश वासियों से अनुरोध करता हूं हम सभी विश्व योग दिवस के अवसर एक घंटा अवश्य योगाभ्यास करें। स्वयं भी निरोग रहे, स्वयं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए और औरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि योग एक प्राचीन परंपरा और आध्यात्मिक अनुशासन है, जिसमें तन, मन और प्रकृति के बीच एकात्म भाव स्थापित किया जाता है। योग न केवल तन-मन को स्वस्थ रखता है बल्कि मानव की संपूर्ण ऊर्जा को बनाये रखता है। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि करोना महामारी के कारण इस वर्ष सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन सभी लोग अपने-अपने घरों में योगाभ्यास करें। कई ऑनलाइन योग कार्यक्रम भी संचालित होंगे उसमे भी यथासंभव प्रतिभाग करें।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड योगभूमि भी है। विश्व के कई देशों से लोग हमारे राज्य में योग का प्रशिक्षण लेने आते हैं। कोविड-19 महामारी के दौर में योग, प्राणायाम एवं आयुर्वेद का महत्व बढ़ गया है। योग, प्राणायाम व आयुष मानव की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने सहायता करता है। योग हमें शारीरिक एवं मानसिक दोनो ही प्रकार से शक्ति प्रदान करता है। हमें आज फिर से योग को अपनाना तथा प्रोत्साहित करना होगा। राज्यपाल अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रातः काल राजभवन में ही अपने परिजनों के साथ योगाभ्यास करेंगी।
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती कहते हैं कि वर्तमान संकट के दौरान स्वस्थ और सुखी रहने का महत्वपूर्ण मंत्र है योग। इससे तन स्वस्थ और मन प्रसन्न रहता है। यही मनुष्य की सबसे बड़ी अभिलाषा है कि जीवन सुखी एवं मस्त रहे। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग एक पॉवर बूस्टर है। यह ओज और ऊर्जा को बढ़ाता है। योग बाहर और भीतर, दोनों तरह के वायरस से लड़ने की क्षमता रखता है। यह तन की थकान के साथ मन के तनाव को भी हर लेता है। इसलिए मैं तो यही कहूंगा कि योग करें, रोज करें और मौज करें। योग मात्र आसन नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन पद्धति है, जैसे- दैनिक जीवन में कब उठना है, कब सोना है, क्या करना है और कैसे करना है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में हरिद्वार के वीआईपी घाट पर शुभा ध्यान लगाया। साथ ही योग भी किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन वह हर साल बड़ा योग शिविर लगाते थे पर इस बार कोरोना संक्रमण के चलते वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार यह पतंजलि योगपीठ में ही पतंजलि के अंतः वासी ब्रह्मचारियों के साथ ही होगा। इसका सजीव प्रसारण हर कहीं किया जाएगा और लोग अपने घरों से ही उस से जुड़ेंगे। वैसे तो योग का प्रोटोकॉल 7:00 बजे से रखा गया है, पतंजलि योगपीठ में यह कार्यक्रम एडवांस ध्यान और एडवांस योग के रूप में सुबह 5:00 बजे से ही आरंभ हो जाएगा।
बारा रामदेव ने पिछले साल हरिद्वार में हर की पैड़ी पर 21 जून के दिन योग शिविर लगाने की घोषणा की थी। किन्हीं कारणों से बाद में इसे महाराष्ट्र शिफ्ट कर दिया था। इस बार उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से शुक्रवार सुबह योग दिवस के उपलक्ष में वीआईपी घाट पर योग प्रोटोकॉल किया। इसके तहत पहले उन्होंने ध्यान लगाया उसके बाद योग किया। शुरू में तो मीडिया को वीआइपी घाट में जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जैसे ही योग गुरु वहां पहुंचे और कार्यक्रम की शुरुआत हुई तो मीडिया को बाहर निकाल दिया गया। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने फिलहाल किसी से भी बातचीत नहीं की। वह मीडिया से फिलवक्त दूरी बनाए रखी। इस दौरान उन्होंने सुबह पांच से छह बजे तक ध्यान लगाया और छह से सात बजे तक योगा प्रोटोकॉल की रिहर्सल की।