अहमदाबाद (गुजरात) में एबीवीपी और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। यह झड़प तब हुई जब जेएनयू में हुई हिंसा के मामले पर एनएसयूआई के कार्यकर्ता एबीवीपी ऑफिस के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। झड़प में करीब 10 लोग घायल हुए हैं। इधर, गुड़गांव से खबर है कि जेएनयू छात्रों पर हमले के विरोध में लघु सचिवालय पर एसयूसीआई, सीआईटीयू और एससी/एसटी एंप्लॉयीज यूनियनों ने प्रदर्शन किया। इधर, दिल्ली में आज अभिनेत्री दीपिका पादुकोण आज जेएनयू के आंदोलनरत छात्रों के समर्थन में उनके बीच दस मिनट के लिए पहुंचीं। जिस समय वह मौके पर पहुंची, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भाषण दे रहे थे।
हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंची है। जॉइंट कमिश्नर, दिल्ली पुलिस शालिनी सिंह ने कहा है कि हमने जेएनयू कैंपस का हर जगह निरीक्षण किया और छात्रों से बात की। अभी जांच प्रारंभिक चरण में है। छात्रों ने हमपर विश्वास जताया और कुछ जानकारी भी दी है। इस बीच जेएनयू हिंसा के दौरान घायल प्रोफेसर सुचरिता सेन ने दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करा दी है। आज हिंसा की जांच के लिए फरेंसिक साइंस लैब की एक टीम भी जेएनयू कैंपस पहुंच गई। साउथ-वेस्ट दिल्ली के डीसीपी देवेंद्र आर्य ने कहा है कि विश्वविद्यालय के किसी भी हिस्से से फिलहाल कोई ताजा घटना सामने नहीं आई है। कैंपस के अंदर और बाहर दोनों जगह पुलिसबल की सक्रिय तैनाती की गई है।
जेएनयू के कुलपति प्रफेसर जगदीश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कैंपस में जो कुछ भी हुआ, वह दुखद है। हम पंजीकरण प्रक्रिया को जल्द ही दोबारा शुरू करेंगे जिसका कुछ छात्रों ने विरोध किया था। हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। पुलिस की जांच के बाद ही हिंसा का सारा सच सामने आ जाएगा। जेएनयू रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा है कि हम छात्रों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पंजीकरण प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा सके। प्रशासन उन छात्रों के संपर्क में है जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह गलत है कि हम उनसे बात नहीं करते हैं।
अभी तक हमलावर पकड़ में नहीं आए हैं, लेकिन नकाबपोश हमलावरों पर जमकर राजनीति शुरू जरूर हो गई है। हमले के बाद साबरमती हॉस्टल के दो वार्डन ने इस्तीफा दे दिया। राम अवतार मीणा और प्रकाश साहू खुद यह कहते हुए अलग हो गए कि वे छात्रों को सुरक्षा मुहैया नहीं करवा पाए। मारपीट मामले को दो दिन बीत चुके हैं। अबतक दोषियों का कोई पता नहीं चला है। पिंकी चौधरी के दावे पर पुलिस ने खुद संज्ञान लेकर जांच शुरू की है।
घटना पर पीएम मोदी के अब तक कुछ न कहने पर सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि यह घटना उनके आवास से कुछ ही दूरी पर हुई है मगर पीएम ने एक शब्द नहीं कहा है। उनकी चुप्पी बहुत कुछ कह रही है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि भाजपा कानून व्यवस्था में विश्वास करती है। बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता या नेता इस तरह की बात नहीं सोच सकता है और न ही किसी को उकसा सकता है। यह कम्युनिस्टों, कांग्रेस और केजरीवाल का काम है।