करीब 258 साल पुरानी यह शराब दुर्लभ है। फिलहाल गोतिये कोन्याक 1762 की महज तीन बोतलें ही दुनिया में मौजूद हैं। इसे कोन्याक की सबसे पुरानी शराब होने का दर्जा हासिल है जो फिलहाल दुनिया में है। सोदबी ने इसे नीलाम होने वाली सबसे पुरानी कोन्याक कहा है। यह कई पीढ़ियों से एक परिवार के तहखाने में बची रही। बोतल पर इसका असली लेबल भी अब तक सुरक्षित है। फ्रेंच कंपनी माइसन गोतिए की बनाई यह कोन्याक ग्रांड फ्रेरे यानी बिग ब्रदर के नाम से जानी जाती है। यह बाकी बची बोतलों में सबसे बड़ी है जिसका सौदा हुआ है। इसकी छोटी बहन को दक्षिण पश्चिम फ्रांस के गोतिए म्यूजियम में रखा गया है जबकि इसके छोटे भाई की 2014 में न्यू यॉर्क में नीलामी हुई।
सोदबी के शराब विशेषज्ञ जॉनी फाउले का कहना है कि यह बोतल “दुनिया की शराब संग्रह से बढ़ कर है। गोतिए कोन्याक को पूरी दुनिया में जाना और सम्मान दिया जाता है। इस बोतल में ना सिर्फ एक शानदार ब्रांडी बल्कि कोन्याक के इतिहास का आसव है।” कोन्याक ब्रांडी का एक प्रकार है, जो फ्रांस में वाइन के लिए मशहूर इलाके कोन्याक में तैयार होता है। इसे यह नाम भी फ्रांस की कोन्याक कम्यून के नाम पर मिला है।
कोन्याक को अंगूरों की कुछ खास किस्मों से तैयार व्हाइट वाइन से बनाया जाता है। इसके साथ ही इसकी अलग अलग किस्मों में मेवा, फल, कैरामेल, शहद, वनीला और कई दूसरे मसाले मिलाए जाते हैं। इनसे इनका अलग स्वाद निखरता है। आमतौर पर अंगूर का रस निकाले जाने के बाद और बोतल बंद हो कर बाजार में पहुंचने के बीच में कम से कम दो साल का वक्त लगता है। इस दौरान इसे बलूत के पीपों में तैयार होने के लिए रखा जाता है। बदलते मौसमों के बीच इसका एक एक कतरा तैयार होता है और जितना ज्यादा वक्त लगे जायका उतना ही बढ़ता जाता है।
कोन्याक की ग्रेडिंग में इस वक्त की भी अहम भूमिका है। चार प्रमुख ग्रेडों में सबसे जल्दी तैयार होने वाली कोन्याक के लिए यह वक्त 2 साल का है. सबसे उम्दा मानी जाने वाली कोन्याक को तैयार होने में 10 साल लगते हैं. इसके अलावा एक कैटेगरी उस कोन्याक की भी है जिसे बेयोन्ड एज कहा जाता है। यह वो कोन्याक है जो बहुत ऊंचे दर्जे की होती है और इसमें लगने वाला समय निर्धारित श्रेणियों में नहीं आता और इसे तय भी नहीं किया जा सकता है। यह कुछ भी हो सकता है 10, 20, 30 साल या उससे भी ज्यादा।
फाउले ने समाचार एजेंसी पीए से कहा था कि इस कोन्याक का ना सिर्फ स्वाद अच्छा होना चाहिए बल्कि इसके सारे गुण भी इसमें मौजूद होंगे। उन्होंने कहा, “हम यह मान रहे हैं कि इसमें अल्कोहल का स्तर बहुत ऊंचा होगा और उसने सैकड़ों सालों में इसके लिए रक्षक का काम किया होगा।”