कोरोना से बचाव के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के इस्तेमाल को लेकर किए गए रिसर्च में अच्छे नतीजे आए हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की स्टडी के मुताबिक एचसीक्यू के 6 या ज्यादा डोज लेने वाले 80% हेल्थकेयर वर्कर इन्फेक्शन से बच गए।
रिसर्च के मुताबिक एचसीक्यू के 4 डोज लेने के बाद इन्फेक्शन का रिस्क घटने लगता है। लेकिन, बचाव के लिए पीपीई किट और दूसरे उपाय भी जरूरी हैं। हेल्थकेयर वर्कर्स को दो ग्रुप- कोरोना पॉजिटिव और कोरोना निगेटिव में बांटकर ये रिसर्च की गई। पहले ग्रुप में 378 और दूसरे में 373 लोग शामिल थे।
दोनों ग्रुप में एचसीक्यू के तीन साइड इफेक्ट लगभग एक जैसे थे। दोनों ग्रुप के लोगों में उल्टी, सिरदर्द और दस्त की शिकायत सामने आई। कुछ लोगों को स्किन रैशेज भी हो गए। आईसीएमआर ने रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि हेल्थकेयर वर्कर्स में इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होने की वजह से दुनियाभर में चिंता है। ऐसे में इस स्टडी की अहमियत और बढ़ गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एचसीक्यू दवा के साइड इफेक्ट बताकर इसका क्लीनिकल ट्रायल फिलहाल के लिए रोक दिया है। हालांकि, आईसीएमआर ने कहा कि वो कोरोना के इलाज में एचसीक्यू का इस्तेमाल जारी रखेगा। आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा- काउंसिल ने इस टेबलेट को काफी कारगर पाया है। इसके साइड इफेक्ट्स भी कम देखे गए हैं। सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि गैर कोविड-19 अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी भी इस दवा का इस्तेमाल कर सकेंगे।