विश्व का सबसे बड़ा इंटरनेशनल कोलकाता बुक फेयर आगामी 29 जनवरी, 2020 से शुरू होगा और 9 फरवरी को समाप्त होगा। इस बार भी यह मेला सेन्ट्रल पार्क (साल्टलेक) में आयोजित किया जायेगा। इस 44वें इंटरनेशनल कोलकाता बुक फेयर का उद्घाटन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व अन्य अतिथियों द्वारा किया जायेगा. पुस्तक मेले की फोकल थीम के रूप में रशिया को रखा गया है। गत वर्ष सेन्ट्रल पार्क में आयोजित पुस्तक मेले में लगभग 2.4 मिलियन लोगों ने शिरकत की थी। वह दूसरा साल था, जब नयी जगह होने के बावजूद पुस्तक मेला काफी सफल रहा। इसमें कुल 22 करोड़ रुपये की पुस्तकों की बिक्री हुई। इस बार, तीसरे साल में भी सेन्ट्रल पार्क में कोलकाता पुस्तक मेला आयोजित किया गया है। इस पुस्तक मेले की सबसे खास बात यह है कि रशिया व बंगला में एक साहित्यिक लेनदेन होगा। रशिया की पांच बेहतरीन पुस्तकों का बांग्ला अनुवाद और पांच बांग्ला की बेहतरीन रचनाओं का रशिया में अनुवाद संकलन भी मेले में उपलब्ध करवाया जायेगा। यहां कुल 600 स्टॉल होंगे, जिनमें से 200 स्टॉल लिटिल मैगजीन व विदेशी प्रकाशकों के होंगे। पुस्तक मेले में इस बार यूके, यूएसए, जापान, वियतनाम, फ्रांस, अर्जेन्टीना, गुआतेमाला, मैक्सिको, पेरू, ऑस्ट्रेलिया सहित 11 लैटिन अमरीकी देश भाग ले रहे हैं।
झारखंड में 19वां देवघर पुस्तक मेला आज मंगलवार को अपने समापन के दिन और अधिक गुलजार रहा। पुस्तक मेले में कई शिक्षाविद्, महाविद्यालयों के प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, स्कूलों के शिक्षक और छात्रों की भीड़ बुक स्टॉलों पर जमी रही। स्टॉलों पर पुस्तक खरीदने वालों की भीड़ देखते ही बन रही थी। मंगलवार को एक्सटेंपोर, रेडियो गप्पिस्तान और अंतिम सत्र में डॉल्फिन डांस एकेडमी के कलाकारों की प्रस्तुति के साथ मेले का समापन किया गया। मौके पर महाविद्या संस्था की बुनियाद रखने व देवघर पुस्तक मेला के अगुवा डॉ. सुभाष चंद्र राय, मेला आयोजन समिति के सचिव निर्मल कुमार, मेला प्रभारी आलोक मल्लिक समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य लोग मौजूद थे। देवघर मेले में वरिष्ठ साहित्यकारों, मनीषियों ने कहा कि पुस्तकों की ओर वापसी की चुनौतियां लगातार बढ़ी हैं। इसके लिए कई कारक जिम्मेवार हैं। सोशल मीडिया से लगाव ज्ञान पर प्रतिकूल असर डाल रहा है इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इससे उबरने के लिए छात्रों को तराशने की जरूरत है। शिक्षक व छात्र दोनों को मेहनत करना होगा। बुनियादी शिक्षा को दुरूस्त करना होगा। हिदी साहित्य की रचनाओं का भी मूल्यांकन करने की दरकार है।
सनातन फाउंडेशन की ओर से लगाए गए निश्शुल्क पुस्तक वितरण स्टॉल में मेला के अंतिम दिन जबरदस्त भीड़ उमड़ी। सनातन फाउंडेशन के चेयरमैन विजय प्रताप सनातन ने बताया कि 18 जनवरी से अब तक 15000 से अधिक पुस्तकों का वितरण निश्शुल्क किया गया है। मेला का समापन के दिन एक सवाल पूछे जाने पर दो पुस्तकें दी गई। कहा कि देवघर के कई शिक्षण संस्थान समेत कई किताब प्रेमियों ने किताबें उपलब्ध कराकर सनातन फाउंडेशन के इस प्रयास को सफल बनाया है। सेवा फाउंडेशन के प्रदीप भैया महाराज, सुप्रभात शिक्षा स्थली के निदेशक प्रेम केशरी, ब्राइट करियर स्कूल की पुष्पा सिंह, देवस्थली विद्यापीठ के निदेशक पीके आर्या, संत कोलंबस के प्राचार्य गौरव शंकर, बाबन बीघा निवासी प्रभाकर राय, सुभाष चौक निवासी सुजीत सिंह, पुरनदाहा निवासी मधु केशरी समेत कई ने यहां पुस्तक दान किया है। निश्शुल्क पुस्तक वितरण स्टॉल पर संजीव कुमार झा, रोहित राउत, आशा कुमारी सिंह, टिकू सिन्हा, यदुवंशी सनी, युगल कुमार, गौरव कुमार, आशीष कुमार झा, अभिजीत सिंह ने अहम भूमिका निभाई। भारती बुक्सेलर, सुभाषिनी इंटरनेशनल के द्वारा भी सहयोग किया गया।