कुछ दिन पहले उत्तराखंड सरकार ने आदेश दिया था कि फेस मास्क न पहनने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना, अधिकतम 6 महीने की जेल या फिर दोनों सजाएं दी जाएंगी। अब सरकार ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए जनता को राहत प्रदान की है। इस बीच अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि उत्तराखंड में बुधवार को 43 और कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। अब राज्य में संक्रमितों संख्या 1985 हो गई है। राज्य की स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, आज बुधवार को अल्मोड़ा में 14, देहरादून-नैनीताल में 8-8, टिहरी में 9, रुद्रप्रयाग में 2 और पौड़ी-उत्तरकाशी में 1-1 कोरोना संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में अब तक 1230 संक्रमित पॉजिटिव पेशेंट ठीक हो चुके हैं, जबकि इस समय 717 एक्टिव मामले उपचाररत हैं।
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज और सैंपलिंग में बेहतर कार्य करने पर केंद्र सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में नामित किया है। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. अनुराग अग्रवाल को दून मेडिकल कॉलेज का नोडल अधिकारी बना दिया है। स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी के आदेशानुसार, केंद्र सरकार ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज को कोविड 19 क्लीनिकल मैनेजमेंट में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है। दून मेडिकल कालेज में कम समय में कोविड सैंपल जांच के लिए लैब स्थापित की गई और तेजी से सैंपलिंग की जा रही है। प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार का संस्थागत क्वारंटीन पर फोकस है। एक दिन के भीतर प्रदेश में 766 लोगों को संस्थागत क्वारंटीन किया गया है। प्रदेश में वर्तमान में 11 हजार से अधिक लोग सरकार की ओर से की गई व्यवस्था में क्वारंटीन हैं।
इस बीच राज्य में पहली बार बिना मास्क पकड़े जाने पर 100 रुपये, दूसरी बार पकड़े जाने पर 200 रुपये और 500 रुपये का चालान लगाया जाएगा लेकिन अगर आदतन कोई व्यक्ति बार-बार ऐसा करता है तो फिर उस पर ‘महामारी अधिनियम 1897’ में संशोधित धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने बताया कि अधिकतम जुर्माना राशि 5000 रुपये और 6 महीने की सजा का प्रावधान बना रहेगा लेकिन थोड़ी राहत दी गई है।
बता दें कि गत शनिवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने प्रदेश में महामारी अधिनियम 1897 में हुए राज्य के संशोधन को मंजूरी दी है। केंद्र के ऐक्ट में संशोधन करने वाला उत्तराखंड तीसरा राज्य है। इससे पहले केरल और ओडिशा की सरकारों ने भी ऐसे संशोधनों को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि संशोधनों के लागू होने के बाद प्रदेश में कोरोना की रोकथाम में बड़ी मदद मिल सकेगी और जरूरी नियमों का पालन कराने में भी सहूलियत होगी।